गुरुवार, 22 जनवरी 2015

अनमोल बाणी


  1. सामने मिठा बोलने वाला और पीठ पिछे आघात करने वाले दोस्तों को छोड़ देना ही उचित है, जैसे नीम को जितना भी दूधसे सींचे वह कड़वा ही रहेगा।  ठीक इसी तरह बुरी संगतसे बचना ही अपने लिए और परिवार के हितमे होता है 
  2. बिना सोचें समझे झगड़ा करनेवाला ,खर्च करनेवाला दिखावा करने वाला इंसान कभी सुखी नहीं रह सकता , कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है, तभी आपका जीवन सफल हो सकता हैं। मकै खाने के लिए पहले मकै के एक दानेका त्याग करना पड़ता है, तब मकैका बुट्टा हमें मिलता हैं। 
  3. बुराई एक ऐसी बस्तु है आप जब चाहे खुदको बुरा बना सकते है , जब चाहे दूसरे की बुराई कर सकते है लेकिन दोनोंका अर्थ है पाप ,इस लिए किसी की बुराई करनेसे पहले अपने आपको देखिए फिर आप हर आदमीका भला ही सोचेंगे जो दूसरे के लिए फायदासे ज्यादा हितकारी होगा। 
  4. धन की भूख और बसना की भूख कभी नहीं मिटटी और बढ़ जाती है , अगर इनको मिटाना हो तो मानव सेवा करो , दु :खी की सेवा करो ,अपने आपको संतुस्ट पाओगे। 
  5. अगर आप अटल है और मजबूत है तो आदमी के आगे कोई भी काम मुस्किल नहीं है ,अगर काम सेवा भावना का है तो एक दिन आपको सफलता जरूर मिलेगी।  अगर काम में स्वार्थ और निंदा है तो आपकी जिंदगी गुजर जायगी लेकिन कभी सफलता नहीं मिलेगी, अपना ही नाश होगा।  दूसरे का भलाई सोचने से हमेसा खुस रहोगे. 
  6. कर्म ही फल है , दया ही दान है ,छल कपट छोड़कर दया और माफ़ करना सिखो किसी की खुसी और दु:खमे शामिल होना सिखों आप अपने आपकी सम्पूर्ण मनुस्य पाओगे ,जो मनुष्य सिर्फ अपने बारे में सोचताहै ,उसका जीवन भी पशु सामान है। 
  7. जैसे किसान खेतमें पहले बीज डालता है ,अपनी मेहनत से उसकी दिनरात देखभाल करता है ,तब कही जाकर उसे फल मिलता है ,इसी प्रकार अगर मानव जीवनमे कुछ पाना है तो पहले दिन दु:खी मानव की सेवा करना सिखों और सुख आपको अपने अंदर ही मिल जाएंगे।