बच्चे का देशप्रेम
एक बर स्वामी बिबेकनन्द विदेश मे सेव खरिद रहे थे। दोकानदार उन्हें खराब सेव दे रहे थे। ये सब एक बच्चा देख रहा था। जब बिबेकनन्द वहाँ से चल्ने लगे तब उस बच्चे ने बिबेकनन्द से प्रार्थना करते हुवे बोला " येह सेव हमको दे दिजिए और इसका किमत हमसे ले लिजिये। "बिबेकनन्द को उस बच्चे क व्यवहार आश्चर्य जनक लगा। जब वो कारण पुछे तो बच्चे ने बोला - " येह सेव खराब है। ये सेव किनकर जब आप अपने देश जाएँगे , तो आप हमारे देश के बारेमे बरा बात सुनायेंगे , और येह मेरे लिए कलंक का बात है। "
बिबेकनन्द उनका देशप्रेम देख्ते हि रह गए। वो बोले - " हमे तुम्हारे देशप्रेम का गर्व है। हम तुम्हारे देशके बारेमे किसि से ऐसा ओसा बाट नही करने वाले है। बलकी हम अपने देशके पुरी जन्ता को बोलेंगे कि येह देशका बच्चा-बच्चा देशप्रेमी हैं। "
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